बिना टिकट यात्रा कर रहे एक साधारण से व्यक्ति को टिकट चैकर ने ट्रेन से उतार दिया।
परन्तु उस व्यक्ति के उतरने के पश्चात ट्रेन का इंजन बंद हो गया और ट्रेन आगे नहीं बढ़ सकी।
ड्राइवर / मैकेनिकों ने इंजन को चालू करने के अनथक प्रयास किए परन्तु सभी व्यर्थ गए!
आखिर थक हार कर ड्राइवर ने ट्रेन से उतारे गए उस व्यक्ति को ट्रेन में फिर से सवार होने का अनुरोध किया जिसे उस व्यक्ति ने स्वीकार तो कर लिया परन्तु साथ ही उस गांव के लिए एक रेलवे स्टेशन का निर्माण करने की शर्त भी रख दी।
यह सब कुछ उत्तर प्रदेश के फरूखाबाद जिले के गांव नीब करोरी में घटित हुआ था।
जैसे ही वह व्यक्ति ट्रेन में सवार हुआ ट्रेन का इंजन चालू हो गया और ट्रेन आगे बढ़ने लगी।
इस घटना ने उस व्यक्ति को एक नया नाम दिया जो आज अत्यंत ही प्रसिद्ध तथा जाना माना नाम है।
नीब करोली बाबा
उत्तर प्रदेश के फैजाबाद जिले में सन 1900 में जन्मे लक्ष्मी नारायण शर्मा को भारत में 20वीं सदी के सबसे अधिक रहस्यमय व्यक्ति के नाम से जाना जाता है।
अपने जन्म से वर्ष 1973 में अपनी मृत्यु तक उन्होंने सम्पूर्ण भारत, भुटान तथा नेपाल की यात्रा की तथा श्रीराम के नाम सिमरन से प्राप्त होने वाली अपूर्व शांति एवं अपार सुख के विचार का प्रचार किया।
एक बार उन्होंने अपने एक विदेशी अनुयायी को ब्लड प्रेशर की दवा का सेवन करते हुए देखा। नीब करोली बाबा ने उससे दवा की शीशी मांगी और उसे खोलकर उसमें रखी दवा की सारी गोलियां खा गए।
यह देखकर अनुयायी काफी घबरा गए और जल्द ही एम्बुलेंस बुलाने की तैयारी में लग गए, परन्तु घंटों बीत जाने के पश्चात भी बाबा को कुछ नहीं हुआ। वे पहले की तरह ही मुस्करा रहे थे और शांत थे।
बाबा श्री हनुमान जी के भक्त थे तथा उन्होंने भारत में 108 हनुमान मंदिरों का निर्माण किया है। उनके नाम से अमेरिका तथा मैक्सिको में भी हनुमान मंदिर स्थापित किए गए हैं।
विश्व को उनके चमत्कारों का ज्ञान 1979 में तब हुआ जब उनके एक अनुयायी रिचर्ड अल्बर्ट ने मिरेक्लस ऑफ लव नाम से एक पुस्तक की रचना की जो उनके और नीम करोली बाबा के बीच जीवन में घटित घटनाओं पर आधारित थी।
और, जी हां! नीम करोली बाबा की मृत्यु के पश्चात 1974 में स्टीव जॉब्स भी आत्म ज्ञान के लिए उनके आश्रम में आए थे और इसके पश्चात ही उन्होंने आज के दौर की मशहूर कम्पनी एप्पल की स्थापना की थी।
मार्क जुकेरबर्ग जब उनके आश्रम में आए थे तब फेसबुक का प्रारंभिक दौर चल रहा था और यहां कर उनके मन में कुछ नए विचार उपजे जिससे फेसबुक आज की अपनी स्थिति प्राप्त कर पाया है।
जुलिया राबर्ट ने उनके चित्र देखकर और अमेरिका में निवास कर रहे उनके अनुयायिओं से उनके किस्से सुनकर हिन्दु धर्म को अंगीकार किया है।
वे सदैव यही कहा करते थे .... सब एक!
हमारी भारतीय संस्कृति में चालबाजियों, ठगी से लोगों की जेबें खाली करने के तमाशों से परे हटकर अजूबा माने गए नीब करोली बाबा जैसे संतों ने अपना पूरा जीवन मात्र एक कम्बल और जो भी रूखा सूखा मिले उसे खाकर अपनी जीवन व्यतीत किया है। वे कभी भी पांच सितारा आश्रम में नहीं रहे और न ही कभी उन्होंने कहीं आने जाने के लिए मर्सिडिज जैसी गाडि़यों का उपयोग किया है।
उनका पूरा जीवन आत्मा की शांति के लिए समर्पित था।
वे दुनिया आज भी एक अजूबा माने जाते हैं!
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