वास्तविकता से जुड़ी ये रही वो वो १० चीज़ें जो मेरे ख़याल से हर एक इंसान को ३० वर्ष के पहले कर लेनी चाहिए:
- आपका अगर कोई सपना है उसपर कार्य, अन्यथा देर हो सकती है।
- आपकी शादी। बहुत लोगों में ये अवधारणा है कि शादी के पश्चात आप आप अपने सपनो को पूरा नहीं कर सकते पर ये सरासर ग़लत है। मेरे अनुभव से शादी के पश्चात आपके सपनो को पूरा होने की सम्भावना ज़्यादा है क्यूँकि अब आप अकेले नहीं बल्कि दो लोग हैं। आपके साथ कोई और है जो आपके सपनो को समझता है, आप ख़ुद को अकेले कभी नहीं पाएँगे, बस आपकी शादी सही पुरुष/स्त्री से होनी चाहिए। और हाँ, जब पूरी तरह सक्षम न हो जाएँ संतानप्राप्ति की इच्छा ना रखें। शादी करना और माता/पिता बनना दो अलग-अलग बातें हैं।
- आपका बैंक बैलेन्स। आपके पास इतनी बचत होनी चाहिए की आप ख़ुद का कुछ प्रारम्भ करने का रिस्क ले सकें, किसी आकस्मिक बीमारी या घटना से लड़ पाएँ। इन सारी चीज़ों में आपको धन की आवश्यकता पड़ेगी।
- ३० के पहले कुछ तीर्थस्थल पर जाएँ। इसे अपने बुढ़ापे के किए ना छोड़ें क्यूँकि तब आपकी ये मजबूरी होगी पर अभी आप अनुभव के लिए जाएँगे। सबसे सही तरीक़ा यह है की आप अपने माता-पिता को तीर्थ पे ले जाएँ, उनके साथ आपका भी तीर्थ-दर्शन हो जाएगा। मैं अभी कुछ ऐसा ही कर रहा हूँ।
- विदेश यात्रा, क्यूँकि आप नयी संस्कृति और लोगों से रूबरू होंगे, आपका रवैया, आपकी सोच बदलेगी, आपको एक नयी आँख मिलेगी, बस एक बार जाइए तो सही।
- अपना ख़ुद का घर। अगर ३० के पहले आप ये कर पाते हैं तो ये आपकी सबसे बड़ी उपलब्धि है।
- कुछ निवेश। म्यूचूअल फ़ंड, शेयर, जीवन बीमा, कुछ भी। थोड़ा सा निवेश आवश्यक है जो आपका भविष्य सुरक्षित कर सके।
- असफलताएँ। ३० के पहले जितना असफल होना है हो लीजिए, क्यूँकि इसके बाद पचाना मुश्किल होगा।
- बुरी आदतों का त्याग। अगर आपको शराब, सिगरेट, ड्रग लेने की आदत है तो ३० वर्ष के पहले छोड़ दें नहीं तो आपकी यही आदत परिवार और बच्चों के लिए नासूर साबित होगी। आपकी उम्र बढ़ेगी और सारी उम्र तो आप स्वस्थ नहीं रह सकते, बीमार पड़ेंगे ही। अगर ये सारी आदतें रही तो आपकी बीमारी कैसा रूप लेगी ये आप भी सोच नहीं सकते। अपने लिए नहीं पर परिवार के लिये आपको ये आदत छोड़ ही देनी चाहिए। आपके परिवार को हमेशा आपकी ज़रूरत है, इसे दिमाग़ में तटस्थ कर लें।
- ख़ुद से रूबरू होना। ३० वर्ष के पहले ख़ुद को जान लेना अति आवश्यक है ताकि आपके भविष्य की एक मज़बूत नींव रखी जा सके। ये तभी सम्भव होगा जब आप प्रयोग करेंगे, कहीं सफल होंगे तो कहीं असफल और आपका यही अनुभव यहाँ कारगर साबित होगा।
- (बोनस!) एक शौक़ रखना जो आपके कार्यक्षेत्र से बिलकुल अलग हो, जैसे चित्रकारी, संगीत, खेल-कूद, नयी भाषा सीखना, कहानियाँ लिखना आदि। इससे आप कभी अपने आप को अकेला महसूस नहीं करेंगे।
माँ
के साथ, रामनाथस्वामी ज्योतिर्लिंग दर्शन के उपरांत। ये तस्वीर मैंने यहाँ
संलग्न सिर्फ़ यह बताने के लिये की है कि तीर्थ की महत्ता बाक़ी ९ चीज़ों
जितनी ही है, उससे कम नहीं। इसीलिए इसे नम्बर ४ पर रखा है, इससे नीचे नहीं।
धन्यवाद।
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