ऐसे
तो जिस तरह पुरुषों को महिलाओं से उसी तरह महिलाओं को पुरुषों से कम ही
परेशानी होती है और जो थोड़ी बहुत होती भी है वो आकर्षण की वजह से कम ही नज़र
आती है।
- जो पुरुष कान के कच्चे होते हैं और जब महिला की बातों में आकर अपने अपने परिवार को गलत समझकर दूरी बना लेते है।
- जो हर लड़की से बात करना, उसके करीब जाना एक टास्क की तरह समझते हैं।
- बाप के पैसे पर खुद को नवाब समझते हैं।
- हर बात को बढ़ा चढ़ा कर बताना।
- परफ्यूम लगा कर खुद को हीरो समझते हैं, भले ही आठ दिन से न नहाए हों।
- लड़की अगर जरा सी बात कर ले तो समझ लेते हैं कि पट गयी।
- लड़की को केवल उपयोग की वस्तु समझते हैं।
- अपनी बहनों को घर मे बंद रखकर, बाहर की हर लड़की पर गलत टिप्पणी करते हैं।
- जिन लड़को को लगता है कि उनके दोस्त बस किसी मतलब के लिए उनसे बात करते हैं।
- हर समय लड़कियों पर टिप्पणी करने का बहाना ढूढ़ते हैं।
लेकिन न तो हर पुरुष ऐसा होता है ना हर नारी।ये तो बस अवगुण है जो मनुष्य को जकड़ लेते है।
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