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हाँ बिल्कुल हैं इस पुरे ब्राह्मड में हम जैसा जीवन है इसकी सम्भावना 100%
हैं लेकिन हमने ये निष्कर्ष कैसे निकाला आईये देखते हैं एक अनुमान के
अनुसार किसी आकाशंगंगा में तारो की औसत संख्या 10^22 हैं और इस ब्राह्मण्ड
में 10^22 ही आकाशंगंगा हैं तो कुल तारो कि संख्या कितनी हुई?
10^44
अब हम किसी ग्रह पर जीवन होने के लिऐ जो विशेष परिस्थिति होती हैं उन पर
विचार करते हैं(हम अभी कै लिऐ मान कर चलते हैं कि एक तारे के पास एक ही
ग्रह हैं)
- ग्रह अपने तारे से एक निश्चित दुरी पर हो ताकि वहां ना अधिक गर्मी हो और ना अधिक सर्दि. हम मान लेते हैं कि मात्र 0.001% तारो के पास ही ऐसे ग्रह हैं तब जीवन योग्य कक्षा में उपस्थित कुल ग्रह 10^39 होते हैं
- जीवन के लिऐ पानी और आक्सीजन अहम हैं हम मान लेते हैं कि जो ग्रह जीवन योग्य कक्षा में मौजुद हैं भी उनमें से भी मात्र 0.001% ग्रह ही पानी और आक्सीजन सै युक्त हैं तब ऐसे ग्रह की संख्या 10^34 आती हैं जो जीवन योग्य कक्षा में भी हैं और पानी और आक्सीजन भी धारण किये हुये हैं
- अब हम मान लेते हैं कि किसी कारण वश या तो 99.9999% ग्रहो पर जीवन शुरू नही हो पाया या कोई दुर्घटना का शिकार हो गाया तब ऐसे ग्रह जौ जीवन धारण किये हुये हैं कि संख्या आती हैं 10^28
- हम फिर से मान लेते हैं कि जिन ग्रह पर जीवन हैं भी उन में से भी 99.9999% ग्रहो पर जीवन अभी एक कोशिशा के रूप में ही हैं तब ऐसे ग्रह जिन पर जीवन बहुकौशीका के रूप में फैल गाया हैं ऐसे ग्रह कि संख्या आति हैं 10^22
- हम फिर से मान लेते हैं कि ये जो बहु कौशीका वाले ग्रह है भी इनमें से भी 99.9999% ग्रह हमारे जैसा जटिल जीवन नही बना पायें। तब जिन ग्रहों में हम जैसा जटिल जीवन हैऔ ऐसे ग्रह कि संख्मा आति हैं 10^16
- हम और नकारात्मक हो जाते है और मान लेते है कि किसी कारणवश ये ग्रह भी जटिल जीवन को सम्भाल कर नही रख पाये है और इनमे से भी 99.9999% ग्रहो पर जीवन समाप्त हो गाया तब ऐसे ग्रह जीन पर अब भी जीवन हैं ऐसे ग्रहो कि संख्या आती हैं 10^10
आकडों
से स्पष्ट हैं कि निश्चित ही अन्य ग्रहो पर भी जीवन हैं याद रखीये हमने ये
गणाना बहुत नाकारत्मक हो कर की हैं और 6 चरणो तक हर बार 99.9999% ग्रहो को
अपनी गणाना से बहार कर दिया हैं. लेकिन तब भी अच्छी खासी संख्या है हमारे
पास जो ये प्रमाण देती हैं कि अन्य ग्रहों पर जीवन हैं
वास्तव में प्रशन ये होना चाहिऐ की उन पराग्रही लोगो तक हम पहुचे कैसे और अब तक हम उन से सम्पर्क क्यों नही कर पायें
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