नही।
मुझे नही लगता कि हम एकमात्र जीवित प्राणी है जो इस ब्रह्माण्ड में रहते है और मेरा मानना है कि ये सोचना भी गलत है।
ज्यादातर
लोग मानते है कि ऐसा ग्रह मिलना असम्भव है जहाँ पृथ्बी की तरह जीवन हो।
क्योंकि उनको लगता है जिन परिस्थितियों में पृथ्बी पर जीवन मिला वैसी
परिस्थितियां किसी और ग्रह पर मिलना असंभव है लेकिन यहाँ वह एक बात भूल
जाते है कि -
“ये पृथ्बी नही थी
जिसमें जीवन के अनुकूल परिस्थितियां थी, बल्कि ये वो प्राणी थे जिन्होंने
पृथ्बी पर उपलब्ध परिस्थितियों के अनुसार खुद को ढाल लिया।”
इसका
अर्थ ये है कि जरूरी नही कि पृथ्बी पर अगर जीवन के अनुरूप परिस्थितियां न
होती तो यहाँ जीवन नही होता। उदाहरण के लिए अगर ऑक्सीजन नही होती तो भी
जीवन उस बैक्टीरिया के रूप में पनपता जिन्हें ऑक्सिजन की जरूरत नही होती।
यह ठीक इस प्रकार की जब आप किसी ऐसे देश/शहर में जाते है जहां कि
संस्कृति/रहने के तरीके/खाने से बिल्कुल अनजान होते है लेकिन फिर भी आप समय
के साथ उसके आदि हो जाते है।
इसलिए किसी भी ग्रह पर जीवन की संभावना केवल दो चीजों पर निर्भर करती है - पानी और ऊर्जा का स्त्रोत [1]
। पानी के बिना जीवन शुरू नही हो सकता क्योंकि बैक्टीरिया का पनपना पानी
के द्वारा ही सम्भव है और ऊर्जा का स्त्रोत (पृथ्बी के लिए सूर्य) उस जीवन
को बढ़ाने के लिए।
अब प्रश्न बनता है कि केवल दो ही चीजे है जिनकी जीवन के लिए आवश्यकता है फिर क्यों अभी तक हमे कोई ग्रह नही मिला जहाँ जीवन हो?
इसका जवाब है हम ग्रह देखने के बाद भी नही बता सकते कि वहाँ जीवन है या नही।
[2]
केवल
हमारी आकाशगंगा में 200 - 400 बिलियन तारे है और ग्रहों की संख्या कम से
कम 100 बिलियन है। हम हबल टेलिस्कोप के द्वारा बहुत दूर की आकाशगंगाओ को भी
देख सकते है। तो हम इस काबिल है कि हमारी आकाशगंगा के ग्रहों को देखकर,
उनका विश्लेषण कर जीवन का पता करें। लेकिन समस्या है कि क्या पता उस ग्रह
पर जीवन अभी शुरू ही हुआ हो जो अभी भी बैक्टीरिया के रूप में हो जिसे हम
देख कर भी पता नही कर सकते।
दूसरी
समस्या है कि हम पूर्ण विकसित जीवन भी कितने ग्रहो पर जीवन ढूंढे। मान लिया
कि हमने सेकड़ो या हज़ारो ग्रहो का विश्लेषण कर भी लिया। लेकिन उन पर जीवन
नही मिला। पर क्या आप केवल हज़ारों ग्रहो को चेक करके ये सिद्ध कर सकते है
कि 100 बिलियन में से बचे बाकी ग्रहों पर जीवन नही होगा। हो सकता है कि
किसी गृह पर जीवन बहुत एडवांस्ड हो गया हो और वहाँ के प्राणीयों को लगभग
सभी ग्रहों पर उपलब्ध जीवन की जानकारी हो लेकिन ज्यादातर ग्रहो (जैसे
पृथ्बी) पर उपलब्ध प्राणियों को बेकार समझ नज़रंदाज़ कर दिया हो।
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