यह सच में बहुत ही अच्छा प्रश्न है आज के युग में।
सबसे पहले मैं बता दूँ कि मैं लगभग प्रतिदिन १४ घंटे कंप्यूटर स्क्रीन पर काम करता हूँ।
मैं अकेला नहीं हूँ और हो सकता है कि आप में से कई लोग इसी तरह से बहुत देर तक काम करते हों स्क्रीन पर।
यह परेशानी इतने लोगों को है कि इसका एक नाम भी है - कंप्यूटर विज़न सिंड्रोम (CVS )
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चलिए हम देखते हैं कि तनाव का मुख्य कारण क्या है।
क्या आपको मालूम है कि हम पलके क्यों झपकते हैं?
अधिकांश
लोग एक मिनट में ३० बार पलकेंं झपकते हैं। यानि कि हर २ सेकंड में एक बार
पलक झपक ही जाती है। पलकों के झपकने से हमारे आँखों का आंसुओं की तरह का
पानी पुतलियों को भिगो कर रखता और शुष्क नहीं होने देता है। शुष्क आंखें
अक्सर लाल हो जाती हैं।
जब हम कम्यूटर
पर काम करते हैं तो इतना ध्यान मग्न हो जाते हैं कि पलक झपकने की गति धीमी
हो जाती है। इसकी वजह से ऑंखें शुष्क हो जाती हैं क्योंकि आँखों की नमी
पुतलियों पर बराबर नहीं चढ़ती है।
अगर आप भी हमारी तरह बहुत देर तक कंप्यूटर पर काम करते हैं तो कृपया इन बातों का ध्यान रखें। यह आपकी आँखों की सेहत के लिए अच्छा है।
- पलकें झपकना न भूलें। कभी कभी तो ऑंखें स्क्रीन से अलग हटाकर इसको झपकाएं।
- स्क्रीन का ग्लेयर कम करने के लिए फ़िल्टर का प्रयोग करें।
- कंप्यूटर स्क्रीन को लगभग २५ इंच की दूरी पर रखें।
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- एक नियम है जिसको अंग्रेजी में २०-२०-२० नियम बोलते हैं। इसका मतलब आप हर बीस मिनट के बाद २० फ़ीट दूर स्क्रीन से अलग किसी चीज को २० सेकंड तक देखें।
- अँधेरे में स्क्रीन पर मत देखेंं। कमरे में पर्याप्त बैकग्राउंड प्रकाश होना बहुत जरुरी है।
- स्क्रीन का टेम्परेचर काम कर दें। ब्लू लाइट जो कि आँखों के लिए हानिकारक है अक्सर ज्यादा टेम्परेचर में होता है। आपके मॉनिटर की सेटिंग्स से इसको कम कर सकते हैं।
- बीच बीच में थोड़ा ब्रेक लेना न भूलें। हमारी तो आदत है कि हम बीच बीच में अपनी मधुबाला के बारे में सोचने के लिए कल्पना के समुन्दर में गोते लगा लेते हैं। यह जरुरी नहीं कि आप भी ऐसा ही करें लेकिन कुछ करें।
मुझे उम्मीद है कि हमारी दी हुई जानकारी आपके काम आयी। आँखों का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है।
भावना जी, इतने अच्छे प्रश्न पर हमारे जवाब का अनुरोध करने के लिए धन्यवाद।
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