लड़कियां अच्छे लड़कों की बजाय बुरे लड़कों की ओर क्यों आकर्षित होती हैं?

इनका कारण है हमारी फिल्में और हमारी मानसिकता।
आप यकीन मानिये, ऑस्ट्रेलिया में एक भारतीय मूल के लड़के ने लड़की को छेड़ा। केस कोर्ट में गया। जनाब ने अपील की कि वो बड़े ही ऐसे आदर्शों पर हुए हैं। जज ने जब भारतीय फिल्में देखीं, उन्हें उस आदमी को सच में क्लीन चिट देनी पड़ी।
९० के दशक कि सारी फिल्में ही ऐसी थीं- लड़की को लड़का छेड़ेगा, परेशान करेगा, एक दिन फिर लड़की पिघल जाएगी और दिल दे बैठेगी। कभी कभी लड़की को तमाचा भी जड़ेगा लेकिन प्यार है, चलता है। यही अब कबीर सिंह में दिखाया गया है। और उसके निर्देशक तो खुद कहते हैं कि अगर आप तमाचा नहीं मार सकते तो वो प्यार नहीं है। धन्य हैं ऐसे लोग।
वक़्त है कि इन सब चीज़ों को बंद किया जाए। इस वजह से लड़कियों को लगता है कि इन सब चीज़ों में कोई बुराई नहीं है और चलता है।
तमाम फिल्में हैं जो ये दिखाती हैं, यही नहीं हमारे समाज में भी अनगिनत परिवारों में भी यही होता है। तो लड़कियों को समझ ही नहीं आता कि ये गलत है। ये प्यार कि कोई हद्द नहीं है। ये शोषण है जिसे रोकना चाहिए!

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