मैं
इस समय जो व्यापार कर रहा हूँ, वह मैंने आज से 12 साल पहले बिना कोई पैसे
लगाए शुरू किआ था मैं अपने गाँव से शहर आकर एक अपार्टमेंट में गार्ड की
नौकरी कर रहा था।
मैंने देखा की कई घरों में बुजुर्ग लोग जो खुदकी दिनचर्या के काम स्वॅम नहीं कर सकते, वो अक्सर अपने घरवालों के गुस्से और चिढ़चिढ़ेपन का शिकार होते थे।
मैंने देखा की कई घरों में बुजुर्ग लोग जो खुदकी दिनचर्या के काम स्वॅम नहीं कर सकते, वो अक्सर अपने घरवालों के गुस्से और चिढ़चिढ़ेपन का शिकार होते थे।
क्यूंकि 75
साल की उम्र के बाद इंसान कमज़ोर हो जाता है और लगभग हर काम के लिए दूसरों
पे निर्भर हो जाता है। इन घरों में लोगों के पास पैसे तो बोहत थे पर समय
नहीं था अपने बूढ़े बुजुर्गों की देख भाल के लिए। मैंने सोचा की किस तरह
इनकी इस समस्या का हल निकाला जाये। मैंने अपने गाँव के सरपंच जी से बात
किया जिन्होंने गाँव की कुछ औरतों तक यह बात पोहोंचाई की शहर में वृद्ध
लोगों की सेवा करनी है जिस से वह औरतें कुछ पैसे भी कमा सकेंगी।
फिर
मैंने अपने अपार्टमेंट के उन घरों में यह प्रस्ताव रखा और लोग ख़ुशी ख़ुशी
राज़ी हो गए। तय यह हुआ की जो महिला किसी घर के बुजुर्ग की सेवा करेगी, उसे
हर वक़्त उनके घर में ही रहना होगा, इसीलिए उसका खाना पीना उस घर की
ज़िम्मेदारी होगी। इसके अलावा वो 3000 रुपये उसे देंगे। और हर 3 महीने में
सेवा कर रही महिला को बदला जायेगा।
3000
रुपये में से मुझे 300 रुपये कमीशन मिलने थे। 6 महीने में 25 से ज़्यादा
घरों में ये सेवा दी गई। माने की 25 से ज़्यादा महिलाओं को रोज़गार मिला। जब
व्यापार बढ़ा, तो मेरी पत्नी ने भी शहर आकर मेरी मदद की। हमने एक हॉस्टल भी
खोला है जहाँ ये महिलाएं बिना कोई खर्चे के रह सकें जब तक उनके पास काम
नहीं है।
और आज के समय में न ही सिर्फ
मेरे गाँव से, बल्कि आसपास के गाँव से भी महिलायें आकर हमारे साथ जुड़ गए
हैं। हम 500 से ज़्यादा घरों में यह सेवा दे रहे हैं। और समय के साथ हमने
अपनी फीस 3000 से बढ़ाकर 6000 कर दी है। ताकि हमसे जुडी हुई महिलाओं को सही
पैसे मिलें और हमारा व्यापार भी फूले फले।
यह
व्यापार सिर्फ एक समस्या का हल निकालते हुए शुरू हुआ बिना कोई पैसे लगाए।
लेकिन इसी व्यापार से कमाए हुए पैसों से मेरे छोटे भाई ने अपने लिए एक
साइबर कैफ़े भी खोला हुआ है।