मौका था बचपन के दोस्तों से पुनर्मिलन का |
काफी बार प्लान बने, बिगड़े, लेकिन अंततः मेरे दोस्त मुंबई घूमने आ ही गए | अब कोई पहली बार मुंबई आये और गेटवे ऑफ़ इंडिया घूमने न जाये, ये तो होने से रहा | तो हम लोग गेटवे घूम रहे थे, फोटोस खींच रहे थे, ताज को देख रहे थे और २६ /११ के हमले को याद कर रहे थे | इसी बिच, किसी ने कहा, यार चाय का क्या दाम होगा ताज में | फिर हम अपने अपने तर्क लगाने लगे | फिर हमने गूगल किया तो पाया की करीब ५०० रु है |
अंत में हमने सोचा कितना ही महंगा हो , हमें आज ताज देखना है |
बस फिर क्या था, चल दिए ताज की और | ताज के मुख्य द्वार पर हमने देखा की कई बेश-कीमती गाड़ियों का आना जाना लगा था | होटल में आने वाला ज्यादातर मेहमान विदेशी थे | एक पल के लिए हमने सोचा अंदर जाये या न जाये| लेकिन हिम्मत करके चले गए |
जैसे ही हमने अंदर प्रवेश किया, हमारी आँखे मंत्रमुग्ध हो गयी | अंदर का नजारा अद्भुत था | ऐसा लग रहा था मनो हम किसी और ही दुनिया में आ गए हो | रिसेप्शन पे बैठी लड़कि इतनी सूंदर थी की, जैसे कोई अप्सरा हो |
उनसे जाकर बात करने की हमारी हिम्मत ही नहीं हो रही थी | हमारी अवस्था देख कर एक अप्सरा खुद ही हमारे पास आयी और अपने मृदुल आवाज में पूछा ‘वेलकम सर, क्या मै आपकी कुछ सहायता कर सकती हु’, तब मैंने हिम्मत करके पूछा , ‘ हमें कॉफी पीनी है , किधर जाना होगा ‘| तब उन मोहतरमा ने आशंकित आँखों से हमे देखा और पूछा , ‘सर, यहाँ कॉफी की कीमत ७५० रु है , क्या आपके लिए ठीक है ‘, हम लोग ५०० रु सोचकर आये थे, लेकिन अब ना भी नहीं बोल सकते थे(लड़की के सामने इज़्ज़त का सवाल था ) |
जब हमने हा कहा तब , उन्होंने हमें जानकारी दी -’यहाँ आप कॉफी तीन जगह पी सकते हो , शामिआना lounge और अपोलो lounge जो की ग्राउंड फ्लोर पर है , और SEA Lounge जो की पहले फ्लोर पर है | Appolo lounge तो रिसेप्शन के पास ही था , तो हमने सोचा चलो शमियाना लाउन्ज चलते है | लेकिन वहा कुछ समारोह चल रहा था , तो फिर हम SEA लाउन्ज की तरफ चल दिए जो की पहले फ्लोर पे था |
रास्ते में हमने होटल का विशाल फर्नीचर और इंटीरियर डिजाइनिंग का अद्भुत नमूना देखा | किसी राजमहल में होने का अनुभव हमें हो रहा था | लेकिन जैसा की सभी जानते है, लड़के तो लड़के होते है, हमारा सारा ध्यान वहा की सुन्दर लड़कियों पर ही था | उनकी चाल चलन, बातचीत करने का तरीका और उनकी मिलावटी ही सही लेकिन दिल को घायल कर देने वाली हसी (Smile) हमें पागल बना रही थी|
जब हम SEA Lounge पहुंचे, और अन्दर प्रवेश किया ही था की अचानक कोई आया और हमसे बाहर रुकने को कहा | हम चौक गए, और बाहर आ गए और वो हमारे पीछे आया , सर, सॉरी मै आप लोगो को अंदर नहीं आने दे सकता क्यूकी , आप में से एक ने पैरो में चप्पल(Sandal) पहनी है | बिना शूज के हम आपको प्रवेश नहीं करने दे सकते | फिर हमने देखा, एक मित्र जिसका नाम —— है, ने सचमे चप्पल पहनी थी | वाह , क्या बेइज़्ज़ती| बढ़िया, बहोत बढ़िया | और इसके बाद उस चप्पल वाले मित्र का हमने कितना मजा उड़ाया होगा आप सोच ही सकते है |
इसके बाद हम लोग चुप चाप निचे आ गए, और apollo लाउन्ज में बैठ गए | फिर हमने करीब आधा घंटा सोच कर, वाद विवाद से सहमति बनाकर सभी के लिए कॉफी (cappucciono) आर्डर किया और करीब २-३ घंटे तक वहा बाते करते , बचपन की यादे ताजा करते, चप्पल वाले दोस्त की मजे लेते बैठे रहे | वक्त कहा गया पता ही नहीं चला |
इसी बिच हमने होटल के आस पास चक्कर भी लगाया, वहा का swimming पूल, SPA आदि देखे |
यह एक अद्भुत, अविस्मरणीय अनुभव था, जो हमें अपने जीवनकाल में हमेशा यद् रहेगा और चेहरे पे हसी लाता रहेगा |
आपकी जानकारी के लिए ये रहा बिल (६ लोगो के ४५०० रु)
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