शायद अब कभी वर्ल्ड वॉर ना हो ऐसी कामना करता हूँ, क्यूँकि संसार के लोग अमन और शांति का जीवन जीना चाहते हैं।
परंतु
अभी भी कुछ तत्व ऐसे है जो वर्ल्ड वॉर की स्थिति को बढ़ावा देते हैं। ऐसे
कुल 3 जगह हैं दुनिया मे जहाँ से वर्ल्ड वॉर की शुरुआत हो सकती है।
1.उतरी कोरिया।
2.सीरिया।
3. जम्मू कश्मीर।
उत्तरी कोरिया मे किम जोंग यूंन जो
कि एक तानाशाह है और उसके जिन्दगी का एक ही मकसद है कि परमाणु बम बना ले
और अमेरिका और जापान जैसे देशो पर दाग दे। हालांकि कई बार उसने दावा किया
है कि उसने परमाणु हथियार का सफल परीक्षण किया है परंतु सौ प्रतिशत अभी तक
पुष्टि नही हो पायी है। और जबसे अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प बने
है तब से लगातार स्थिति मे सुधार हो रहा है।
सीरिया, यहाँ अल बग़दादी
ने ISIS नाम की एक बहुत ही क्रूर मिलिटेंट बना रखा है। जिनके पास केमिकल
हथियार तक है। और पिछले वर्ष यहाँ अमेरिका और रूस आमने सामने हो गए थे।
जम्मू
कश्मीर यहाँ का मामला जमीन और जमीर का है, जहा एक तरफ भारत हमेशा प्यार की
भाषा का प्रयोग करता है दूसरी तरफ पाकिस्तान इसे भारत की कमजोरी समझ लेता
है और कूदता रहता है। क्यूँकि उसके सर पर चीन का हाथ है। हालांकि यहाँ का
मामला यूनाइटेड नेशन मे है उसके बावजूद यहाँ पर हमेशा तनाव की स्थिति रहती
है और पाकिस्तान नियमो का उल्लंघन करता रहता है।
अभी
आपने देखा इन तीनो जगह पर अमेरिका, रूस, चीन, भारत जापान जैसे शक्तिशाली
देश सीधे जुड़े हुए हैं। इनके साथ साथ आज छोटे देश जैसे पाकिस्तान के पास
भी परमाणु हथियार है।
अभी जैसे कुछ दिनो
से व्यापार मार्केट की बहस चल रही है अमेरिका और एशिया और यूरोप के देशों
से, तो चीन (जो कि अमेरिका के बाद दूसरा सबसे ज्यादा GDP वाला देश है) जो
अपनी समप्रभुता सिद्ध करना चाहता है तो वो अमेरिका के साथ कभी नहीं जाएगा।
यही कंडीशन रूस और अमेरिका का है।
और जापान कभी चीन या रूस के साथ नहीं जा सकता है तो देशो का गुट कुछ इस प्रकार होगा।
अमरीका, भारत जापान एक तरफ
चीन, रूस एक तरफ
बाकी छोटे देश एक दूसरे के स्थिती के अनुसार शामिल हो जाएंगे।
अब
ये निर्णय करना कि कौन सा देश विजयी होगा थोड़ा मुश्किल है परंतु मेरे
दृष्टिकोण मे अमेरिका, जापान और भारत का पलड़ा भारी रहेगा जिसे चीन और रूस
का भारी नुकसान होगा। कुछ छोटे देश जैसे कि पाकिस्तान मानचित्र से हमेशा
हमेशा के लिए गायब हो जाएंगे।
एक दूसरे
पर परमाणु हमला होगा और बहुत ज्यादा जान और सम्पति का नुकसान होगा। एक
आर्टिकल के अनुसार अगर अब वर्ल्ड वॉर हुआ तो लगभाग 30 देश मानचित्र से मिट
जाएंगे। और नुकसान वर्ल्ड वॉर 2 के तुलना मे 300% ज्यादा होगा।
एडिट 1- अवनीश त्यागी जी ने बहुत अच्छा टिप्पणी दिया है! धन्यवाद आपका
अमेरिका और यूरोप के देश नहीं चाहते हैं कि तृतीय विश्वयुद्ध यूरोप या अमेरिका में हो । तृतीय विश्वयुद्ध में नस्लवाद की भूमिका बहुत ज्यादा रहने की संभावना है । क्रिश्चियन के विरूद्ध ध्रुवीकरण होने की संभावनाएं बहुत ज्यादा हैं ।विद्युतीय तूफान विश्व में अपूर्णीय क्षति करेगा । अवांछनीय, आतंक, नफ़रत और कट्टर लोग इस स्थिति का नाजायज फायदा उठाने की कोशिश करेंगे।आकाशीय उल्कापात, अति विनाशकारी भूकम्प, तूफान या अन्य प्राकृतिक आपदा भी तृतीय विश्वयुद्ध का एक कारण हो सकतीं हैं ।: केवल सूचनार्थ, केवल अनुमान, अविश्वसनीय टिप्पणी
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