आज से 5 साल पहले यानी 2013 की ओर दृष्टि करते हैं।
अब ये देखिए
2018 की सबसे पसंदीदा प्रोग्रामिंग भाषा।
आखिरी से तीसरे में देखिए।
Go
अकेली ऐसी भाषा नहीं है जो आज से 5 साल पहले ग्राफ में कहीं नजर नहीं आती
थी। R, जूलिया और कई ऐसी भाषाएं हैं जो तेज़ी से पॉपुलर हो रही हैं।
आज
से 5 साल पहले ये समझना बेहद मुश्किल था कि बिटकॉइन जैसी कोई चीज भी चल
सकती है, और एथिरियम जैसी कोई चीज बनेगी। लेकिन भविष्य ऐसी टेक्नोलॉजी का
साफ नजर आता है जहां डाटा सेंट्रलाइज्ड नहीं होगा (डिसेंट्रालाइज्ड ऐप्स)
मतलब
ये है कि भविष्य बड़ी तेज़ी से बदल रहा है और अगले सालों में इंटरनेट ऑफ
थिंग्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ह्यूमन कंप्यूटर इंटरेक्शन ख़ास महत्व
रखेंगे।
इसका मतलब है कि जो भी भाषाएं
एक से अधिक कार्यों में उपयोग की का सकती हैं, वो तो बढ़ेंगी ही बढ़ेंगी।
बाकी का कुछ नहीं कहा जा सकता।
जैसे, पाइथॉन, जावास्क्रिप्ट जैसी भाषाएं (मेरी पसंदीदा) तो रहेंगी ही।
लेकिन मुझे लगता है कि पीएचपी और सी प्लस प्लस जैसी भाषाओं का चलन कम हो जाएगा जिनमें बहुविज्ञता की कमी है।
पर कंप्यूटर विज्ञान से प्यार करने वाले सी प्लस प्लस से जरूर प्यार करेंगे।
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